ऑप्शन चैन वह डाटा है जिसके आधार पर लाइव मार्केट में एंट्री करने वाले सेलर और बॉयर्स के पोजीशन का सही तरीके से एनालिसिस कर सकते है तथा एक प्रॉफिटेबल ट्रेड लेने की तैयारी कर सकते है।ऑप्शन चैन हमे कई तरह के निर्देश भी देते है जिससे हमारे द्वारा लेने वाले ट्रेड का कन्फोर्मशन मिलता है जिसकी वजह से हमारा ट्रेड 90 % सही होता है। बिना ऑप्शन चैन एनालिसिस को सीखे समझे आप एक सक्सेजफुल ट्रेडर नहीं बन सकते।
https://tajatrading.com/wp-admin/post.php?post=191&action=edit
Table of Contents
ऑप्शन चैन को कैसे देखें।
सभी ट्रेडर के लिए ऑप्शन चैन को देखना बहुत जरुरी होता है क्योंकी बिना ऑप्शन चैन को देखे आप सपोर्ट और रजिस्टन्स को मालूम नहीं कर सकते और न ही किसी लेवल पर बैठे बायर्स और सेलर को मालूम कर सकते है , यदि आप ऑप्शन चैन के जरिये किसी लेवल पर बैठे हुए सेलर और बायर्स की संख्या को जान सके तो आपके लिए मार्केट में प्रॉफिट बनाना आसान हो जाता है। और हम अपने टारगेट लेवल को भी फिक्स कर सकते हैं।
ऑप्शन चैन को कैसे देखें –
1 :- ऑप्शन चैन को देखने के लिए सबसे पहले आपको गूगल पर ऑप्शन चैन NSC इंडिया ( नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ) की वेबसाइट ओपन करना पड़ेगा।
2 :- वेबसाइट ओपन होने के बाद उसमे दिए हुए सेम्बल्स को सेलेक्ट करना पड़ेगा जैसे की ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में निफ़्टी या निफ़्टी बैंक सेलेक्ट करना पड़ेगा उसके बाद किस एक्सपायरी का ऑप्शन चैन देखना कहते है उसको सेलेक्ट करना पड़ेगा तब आपका ऑप्शन चैन आपके निर्देशानुसार खुल जायेगा।
3 :- उसमे आप अपने द्वारा ट्रेड लेने का पोजीशन तय कर सकते है।
ऑप्शन चैन कैसे काम करता है ?
ऑप्शन चैन एक डाटा बेस पर काम करता है। क्योंकि किसी भी स्टॉक्स या ऑप्शन में ट्रेड किए हुए कुल ट्रेडरों की संख्या को एक चैन के रूप में दर्शाता है जिसके जरिये हमे बॉयर और सेलर के पोजीशन का पता चलता है।ऑप्शन चैन में दिखने वाला डाटा सदैव सही होता है यह किसी भी लेवल पर बैठे ट्रेडर्स को काउंट कर देता है या किसी भी पोजीशन से कितने लोग अपनी पोजीशन से निकल चुके है उनका भी पोजीशन दिखता है ताकि आप भी अपने पोजीशन के कट या पोजीशन से निकल सकें।
ऑप्शन चैन में OI ( ओपन इंट्रेस्ट ) का काम होता है ?
OI (ओपन इंटरेस्ट ) का मतलब होता है की कितने लोग अपने पोजीशन को लेकर बैठे है। जैसे आपने किसी लेवल पर ट्रेड लिया लेकिन कुछ समय के लिए उस ट्रेड को क्लोज नहीं किये तो वह ट्रेड आपका ओपन इंटरेस्ट में गिना जाता है।
चेंज IN OI क्या होता है।
किसी लेवल पर बायर्स और सेलर द्वारा जुड़ने और निकलने समय ऑप्शन्स में होने वाले बदलाव को चेंज इन OI कहते हैं।
LTP ( लास्ट ट्रेडिंग प्राइस ) क्या बताता है ?
आपके द्वारा क्लोज किये गए ट्रेड का मार्केट क्लोज होने बाद प्राइस में हुए बढ़ोतरी या घटोती को LTP ( लास्ट ट्रेडिंग प्राइस ) कहते हैं।
LTP ( लास्ट ट्रेडिंग प्राइस ) हमे यह बताता है की हमारे द्वारा किये गए ट्रेड का मार्केट क्लोज होने तक कितने पॉइंट ऊपर या निचे की और मोमेंट किया और किस प्राइस पर वह क्लोज हो रहा है।
ऑप्शन चैन में वॉल्यूम का क्या काम होता है ?
वैलुम बताता है की उस दिन मार्केट में बायिंग की दिशा मजबूत थी या सेलिंग की दिशा।
ऑप्शन चैन देखकर ट्रेड कैसे लें।
अब तक हमे यह मालूम चल गया है की ऑप्शन चैन के जरिये से सपोर्ट और रजिस्टन्स का पता लगा सकते है और इन्ही लेवल के जरिये आप शॉर्ट एंड लॉन्ग पोजीशन का एनालिसिस कर सकते है। या फिर आप यह भी देख सकते है की किस लेवल ज्यादा पुट राइटर है या कॉल राइटर। कुर कितने लोग अपने पोजीशन से एग्जिट हो रहे है। इन्ही सब को का एनालिसिस करके ऑप्शन चैन के द्वारा ट्रेड ले सकते है।
ऑप्शन चैन के माध्यम से सपोर्ट और रजिस्टन्स कैसे मालूम करें?
कॉल या पुट राइटर द्वारा किसी लेवल पर मैक्सिमम या मिनिमम पोजीशन बनाने से हमे सपोर्ट और रजिस्टन्स का पता चलता है इसी की मदत से लॉन्ग या शॉर्ट पोजीशन बना सकते हैं।
शेयर मार्केट में ट्रेड करते समय क्या ऑप्शन चैन देखना जरुरी है?
बगैर ऑप्शन चैन को देखे बायर्स और सेलर्स के पोजीशन को नहीं जान सकते है और न ही मार्केट में जुड़ने वाले सेलर और बायर का एनालिसिस कर पाएंगे। ऑप्शन चैन हमें सभी डाटा को एक साथ एनालिसिस करके दिखा देता है जो हमारे ट्रेडिंग को और भी आसान कर देता है आज के समय में एक सक्सेसफुल ट्रेडर वही बन सकता है जिसको ऑप्शन चैन का भली भाँति ज्ञान हो।
निष्कर्ष :–
इस लेख में हमने बहूत ही सरल भाषा में ऑप्शन चैन के बारे में समझाने की कोसिस की है। यदि आपको शेयर मार्केट से जुडी और भी जानकारी चाहिए तो कमेंट में जरूर बताये। ऑप्शन चैन एक आसान भाषा का डाटा है जिसे आप कुछ दिनों में समझ सकते है। और अपने ट्रेड को प्रॉफिटेबल कर सकते है।……………………………
इसे भी जाने ।