शेयर मार्केट में दो तरह के कैंडल बनते है जिसमे से एक लाल और दूसरा हरा रंग का होता है। लाल कैंडल बेयरिश होने का संकेत करता है और हरा कैंडल बुलिश होने का संकेत देता है।लाल और हरा रंग के कैंडल को मिला कर एक कैंडलिस्टिक पैटर्न का फार्मेशन करते है। जिससे हमे मार्केट में बुलिश और बेयरिश का पता चलता है। इसी ट्रैंड को पहचान कर बॉय और सेल करते है
आइये जानते है की शेयर मार्केट में कैंडलिस्टिक का काम होता है?
कैंडलिस्टिक हमे यहाँ बताता है की मार्केट में अब कौन सा पैटर्न बना है या बन रहा है।जब कैंडलिस्टिक का फार्मेशन होने लगता है तो उसके साथ हमे बायर्स और सेलर का हाबी होने का इंडिकेशन मिलता है जिससे हम ट्रेड को कॉल या पुट की तरफ मैनेज कर सकते हैं।
Table of Contents
मुख्यता: शेयर मार्केट में यूज़ होने वाले 10 कैंडलिस्टिक।
1 : बुलिश एंगुलफ़ींग :-
बुलिश एंगलफिग पैटर्न एक रिवर्सल पैटर्न होता है जो डाउन ट्रैंड को समाप्त होने का संकेत देता है।बुलिश एंगलफिंग के नाम से ही मालूम पड़ रहा है की यह किसी कैंडल को ढक रहा है और वह पहले वाले कैंडल से बड़ी होती है तथा छोटी वाली कैंडल लाल रंग का और बड़ी वाली कैंडल हरा रंग का होना चाहिए।
2 : इवनिंग स्टार:-
इवनिंग स्टार कैंडल तीन कैंडल से मिलकर बनता है , जिसमे पहली कैंडल अप ट्रैंड में होती है जिसकी साइज बड़ी और हरे रंग की होती है। और दूसरी कैंडल पहले कैंडल के ऊपर बनती है जो की पहले बनी हुयी ग्रीन कैंडल से मुकाबले छोटी होती है। तथा तीसरी कैंडल लाल रंग की बेयरिश कैंडल होती है जो की डाउन कैंडल से बड़ी होती है और वह साइज में पहले बनी हुई कैंडल से बड़ी होती है। जो हमे यह संकेत देती है की अब यहाँ से डाउन ट्रैंड की शुरुआत होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
3 : डोजी कैंडलिस्टिक :-
डोजी कैंडल एक तरह की इंडिसीजन कैंडल होती है जिसमे बायर्स और सेलर का प्रेसर सामान होता है। क्योकि इस कैंडल के दोनों वीक्स सामान होती है और बॉडी छोटी होती हैं।
4 : शूटिंग स्टार :-
शूटिंग स्टार कैंडल अप ट्रेंड के ख़त्म होने का संकेत देता है क्योकि जब मार्केट अपर ट्रैंड में होता है तो उस ट्रैंड को खत्म करने के लिए शूटिंग स्टार कैंडल बनता है जिसकी विक्स लम्बी और बॉडी छोटी होती है यह बिलकुल इन्वर्टेड हैमर की तरह दिखता है लेकिन दोनों अलग अलग ट्रैंड को प्रदर्शित करते हैं। शूटिंग स्टार कैंडल रेड बने या ग्रीन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है , बस वह सही ट्रैंड को प्रदर्शित करे।
5 : मारूभोजू :-
शेयर मार्केट में बनने वाले कैंडल में से सबसे स्ट्रांग कैंडल मरुभोजू कैंडल होती है मरुभोजू कैंडल में किसी तरह की विक्स नहीं होती है यह केवल फुल बॉडी में फार्मेशन होता है।
मरुभोजू कैंडल दो प्रकार के होते हैं।
1 : बुलिश मरुभोजू कैंडल
2 : बेयरिश मरुभोजू कैंडल
बुलिश मरुभोजू कैंडल ग्रीन रंग और बेयरिश मरुभोजू कैंडल लाल रंग की होती है। यह कैंडल जिस तरफ बनती है वह बहुत ही स्ट्रांग ट्रैंड माना जाता है।
full body candle
6 : हैंगिंग मैन :-
हैंगिंग मैन एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न होता है जो अप ट्रैंड को समाप्ति का संकेत देता है। हैंगिंग मैन बिल्कुल हैमर कैंडल की तरह होती है लेकिन दोनों कैंडल का काम अलग अलग होता है ( हैंगिंग मैन हथौड़े के आकार का होता हैं जिसमे ऊपर की विक्स छोटी तथा बॉडी छोटी और निचे की विक्स बड़ी होती हैं ) हैंगिंग मैन कैंडलिस्टिक ग्रीन या रेड किसी भी कलर है लेकिन रेड कैंडल बुलिश रिवर्सल के लिए स्ट्रांग माना जाता है। रिवर्सल पैटर्न सभी जगह काम नहीं करती वह केवल रेजिस्टेन्स पर काम करती है।
7 : बुलिश हरामी :-
बुलिश हरामी कैंडलिस्टिक 2 कैंडल से मिलकर बनता है जो की पहली कैंडल लाल रंग की बड़ी कैंडल होती है और दूसरी हरी रंग की होती है जो की लाल रंग की कैंडल का बिल्कुल आधी होती है अर्थात बुलिश हरामी कैंडल वह कैंडल होती है जो किसी दूसरे कैंडल को अपने अंदर इंगुलफ़ ( ढक ) ले। बुलिश हरामी एक जैपनीज भाषा है जिसे mather baby कैंडल भी कहते है।
8 : बेयरिश हरामी :-
बेयरिश हरामी कैंडल ठीक बुलिश हरामी कैंडल का उल्टा होता है। बेयरिश हरामी में ग्रीन ( हरा ) कैंडल बड़ी होती है और लाल रंग की कैंडल छोटी होती है बेयरिश हरामी कैंडल के फार्मेशन से पता लगाया जाता है की अब मार्केट में बुल्स का पावर ख़त्म हो रहा है और सेलर की एंट्री हो रही है।
9 : मॉर्निंग स्टार :-
मॉर्निंग स्टार कैंडल तीन कैंडल से मिलकर बनता है जिसमे पहली कैंडल रेड ( लाल ) जिसकी साइज बड़ी होती है और दूसरी कैंडल छोटी हरे रंग की तथा तीसरी कैंडल भी ग्रीन ( हरे रंग ) की होती है लेकिन यह कैंडल पहले वाले कैंडल के बराबर होती है इस कैंडल के फार्मेशन से पता चलता है की अब मार्केट में बायर्स इंटर कर रहे हैं।
10 : हैमर कैंडलिस्टिक :-
हैमर कैंडलिस्टिक के फार्मेशन से हमे पता चलता है की अब मार्केट में बुल्स पावर हाबी हो रहे है क्योकि यह कैंडल एकदम बॉटम ( सपोर्ट एरिया ) पर बनता है जिससे जो भी सेलर्स होते है वह अपना प्रॉफिट बुक करके निकल जाते है और सेलर एंट्री करते है , यह कैंडल का आकार हथोड़े जैसा होता है जो की बायर्स को रिप्रेसेंट करता हैं।
निष्कर्ष :- (counclution)
मेरा नाम पंकज गुप्ता है मैं आर्टिकल्स ब्लॉगर हु। हमने इस लेख में 10 महत्वपूर्ण कैंडलिस्टिक के बारे में बताने की कोशिश जो की आपके किये बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है। इन्ही कैंडलिस्टिक की मदत से आप शेयर बाजार में प्रॉफिटेबल बन सकते है।
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