जब स्टॉक मार्केट में चार्ट पर अपना एनालिसिस करते है और ट्रेड लेते है तो हमारे अंदर एक दर सा रहता है की कहीं हमारा ट्रेड लॉस में ना चला जाय जिसके चलते जब हरा छोटा सा प्रॉफिट होता है तो हम मार्केट से अपने ट्रेड को एग्जिट कर देते है और जब हमारा लॉस होता है तो बड़ा लॉस हो जाता है क्योंकि हम छोटे लॉस को बुक नहीं करते क्योंकि हम मार्केट को पुलबैक करने को देखते है जिसके चलते हरा बड़ा लॉस हो जाता है नए ट्रेडर की सबसे बड़ी गलती यही होती है तो इस आर्टिकल्स में जाने की कोसिस करते है की स्टॉक मार्केट में अपने लॉस को कम कैसे किया जाय।
शेयर मार्केट के चार्ट पर बनने वाले ट्रेंड को ना पहचान पाना।
नए ट्रेडर अक्सर ये गलती करते है की वे ट्रेंड के विपरीत ट्रेड ले लेते है जिससे उनको बड़ा नुक्सान सहना पड़ता है। इसलिए ट्रेड के विपरीत ट्रेड नहीं लेना चाहिए, पहले ट्रेंड को समझें की चार्ट क्या दिखा रहा है यदि ट्रेंड अप साइड की ओर जा रहा है तो हमे कॉल बाय करना होता है यदि डाउन साइड की ओर जा रहा है तो put बाय करना होता है उसके लिए आपको सपोर्ट और रजिस्टेंस के लेवल की जानकारी होनी चाहिए अगर आपको नहीं पता की सपोर्ट और रजिस्टन्स का पता कैसे लगाते हैं तो सबसे नीचे आपको जानकारी दी गयी है वहाँ से जान सकते हैं उससे पहले यह लेख पूरा जरूर पढ़ें।
ट्रेड लेने के बाद बड़े बड़े लॉसेस को बुक करना।
ट्रेड लेने के बाद सभी ट्रेडर को अपना प्रॉफिट और लॉस फिक्स रखना चाहिए जिसके चलते यदि आपको लॉस हो रहा हो तो वह ज्यादा ना हो। हम सभी ट्रेडर यह गलती जरूर किये है की ट्रेड लेने छोटा प्रॉफिट बुक कर लेते थे और जब लॉस लेते थे तो बड़ा लॉस बुक कर लेते थे जिसके चलते हमारा अमाउंट धीरे धीरे ख़त्म हो जाता था। तो सभी ट्रेडर को सबसे पहले इस बड़ी गलती को सुधारना पड़ेगा तभी उनका कैपिटल धीरे धीरे ग्रो करेगा।
बिना किसी कन्फोर्मशन का ट्रेड लेना।
ट्रेड लेने से पहले हमेशा कन्फोर्मशन का इन्तज़ार करना चाहिए , बिना कन्फोर्मशन का ट्रेड लेना रिस्की साबित हो सकता है। किसी भी ट्रेड के कन्फोर्मशन के लिए आप इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते है। या फिर कैंडलिस्टिक का इस्तेमाल कर सकते है जो की ट्रेड लेने में काफी मदत करता है।
ट्रेड लेने के बाद अपने चार्ट पर बनने वाले प्राइस एक्शन को न देखकर बार बार अमाउंट को देखना।
ट्रेडिंग में हम एक और सबसे बड़ी गलती करते है और ओ है ट्रेड लेने के बाद चार्ट को ना देखकर अमाउंट को देखना की कितना प्रॉफिट हो रहा है और कितना लॉस। जबकि हमे ऐसा नहीं करना चाहिए , क्योकि ऐसा करने से हमारा mind physcology ख़राब होता है जिसके वजह से हमारा लॉस होना शुरू हो जाता है कहा जाता है की हमेशा अपने रिस्क को मैनेज करके ट्रेड करना चाहिए और सेटअप पर ट्रेड लेते वक्त हमेशा स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए।
phycology का बजबूत ना होना।
यदि हमारा बार – बार लॉस होता रहता है तो हमारे दिमाग में एक डर सा बैठ जाता है जिसकी से हमारा माइंड phycology ख़राब हो जाता है और ट्रेडिंग कुछ दिनों तक डिस्टर्ब चलता है। इसलिए हमे ये गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए जिसकी वजह से हमारा नुकसान हो।
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निष्कर्ष Conclusion :-
इस लेख में हमने सिखने की कोशिश किया की किस तरह से अपने लॉसेस को कम कर सकते हैं और एक अच्छे माइंड से ट्रेड कर सकते है यदि आपको शेयर मार्केट से जुड़े कोई और सवाल पूछने है तो आप कमेंट कर सकते है और निचे दिए गए ब्लॉग को पढ़ सकते हैं यदि आपको मेरे द्वारा लिखे ब्लॉग अच्छे लगे हों तो ऐसे अपने दोस्तों के पास जरूर शेयर करें ताकि ओ भी स्टॉक मार्केट से पैसा कमा सकें।
धन्यवाद। ………….
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