mutual fund क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है। सम्पूर्ण जानकारी।क्या 500 से mutual fund में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत की जा सकती है।What is mutual fund? How many types are there? Complete information. Can one start investing in mutual funds with Rs 500?

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड क्या है?

ज़्यादातर लोगों को म्यूच्यूअल फण्ड के नाम से दर लगता हैं| हम आपके लिए बिलकुल शुरुआती स्तर पर इसे सरल और स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे| दरअसल, बहुत सारे निवेशकों की धनराशि जमा होने पर ही म्यूच्यूअल फंड की सृष्टि होती है| इस फंड के प्रबंधन के लिए फंड प्रबंधक नियुक्त होते हैं|ये एक ऐसा ट्रस्ट है जो बड़ी संख्या में ऐसे निवेशकों की धनराशि एकत्रित करता है, जिन निवेशकों का लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट उद्देश्य है| तत्पश्चात, विभिन्न विकल्पों जैसे इक्विटी, बांड, मुद्रा बाज़ार के साधनों, और/अथवा अन्य सिक्योरिटीज में ये राशि निवेश करती है| हर निवेशक इकाइओं का मालिक होता है जो फंड के मालिक के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं

कैसे मालूम करें की कोन सा म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट के लिए सही हैं।

एक बार जब निवेशक किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का निर्णय लेता है तो उसे योजना के बारे में निर्णय लेना होता है – नियत आय, इक्विटी या बैलेन्स्ड और यह भी तय करना होता है कि वह किस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के साथ निवेश करे।

सबसे पहले, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर/निवेश सलाहकार से खुलकर बातचीत करें कि आपका लक्ष्य क्या है, कितने साल की समय सीमा आपके लिए ठीक है, और आपकी जोखिम लेने की क्षमता क्या है।

म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको एक सलाहकार की जरुरत पड़ती है वह कोई और नहीं बल्कि आपका ब्रोकर होता है तथा इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपके पास ब्रोकर का अकाउंट होना जरुरी होता है।
यदि आप फ्री में अकाउंट ओपन करना चाहते है तो निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करे।

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लॉन्ग टर्न इन्वेस्टमेंट में अगर उतार चढाव आयेतो क्या करना चाहिए ?

लॉन्ग टर्न इन्वेस्टमेंट में अगर उतार चढाव आयेतो क्या करना चाहिए ?

SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि का निवेश करने वाले निवेशकों को हर समय यह फ़िक्र होती रहती है कि इस दौरान अगर बाज़ार गिरने लगा तो क्या होगा। बाज़ार की टाइमिंग और उतार-चढ़ाव जैसी जोखिमों से कुछ हद तक बचाव के लिए SIP एक अच्छा तरीका है।

यदि आप SIP क्या होती है इसके बारे में नहीं जानते है तो निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक कर जानकारी हासिल कर सकते हैं

LINK SIP क्या होता है ? इसमें इन्वेस्टमेंट कैसे करें।

म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश SIP के माध्यम से करना होता है। इसमें आप NAV प्राइस कम होने पर ज़्यादा यूनिटें खरीदते हैं और NAV प्राइस ज़्यादा होने पर कम यूनिटें। इस दौरान अगर एनएवी ऊपर और नीचे दोनों ओर को चलती है तो लंबी अवधि में आपका प्रति यूनिट औसत मूल्य कम होता है।

अगर आप फिक्स इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो निवेश के पूरे समय में यूनिटों की संख्या बदलेगी नहीं, लेकिन निवेश का मूल्य बाज़ार के उतार के साथ नीचे गिर सकता है। अगर आप अपने एकमुश्त निवेश को किसी इक्विटी फंड में लंबी अवधि के लिए रखते हैं (जैसे, 7-8 वर्षों तक), तो ऐसी अस्थायी फिसलन से आपके प्रतिफल पर असर नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि बाज़ार का रुख लंबे समय में आम तौर पर ऊपर की ओर ही रहता है। ज़्यादा संभावना इसी बात की है कि आपने जिस एनएवी से निवेश शुरू किया था, आखिर में आपको उससे कहीं ज़्यादा एनएवी मिले।

लंबी समय तक निवेश बनाए रखने के क्या लाभ हैं?

लंबी अवधि के लिए निवेश करें –अनेक म्यूचुअल फंड वितरकों व निवेश सलाहकारों द्वारा नियमित तौर पर दी जाने वाली सलाह। यह विशेष रूप से कुछ म्यूचुअल फंड जैसे इक्विटी तथा बैलेन्स्ड फंड के मामले में सही है।

आइये समझें कि पेशेवर लोग ऐसी सलाह क्यों देते हैं। लंबी अवधि में वास्तव में होता क्या है? लंबी अवधि तक निवेशित रहने में कोई लाभ है क्या?

अपने म्यूचुअल फंड निवेश को एक अच्छी गुणवत्ता वाला बल्लेबाज़ मानिए। प्रत्येक अच्छी गुणवत्ता वाले बल्लेबाज़ में बैटिंग की एक विशेष शैली होती है। हालांकि, प्रत्येक अच्छी गुणवत्ता वाला बल्लेबाज़ बहुत सारे रन बना सकता है, यदि वह कई बरसों तक खेले।

हम “अच्छी गुणवत्ता” वाले बल्लेबाज़ के रिकॉर्ड के बारे में बात कर रहे हैं। प्रत्येक अच्छा बल्लेबाज़ कुछ अच्छे और कुछ खराब प्रदर्शन करेगा। औसत रूप से उसका रिकॉर्ड प्रभावशाली होगा।

इसी तरह से एक अच्छा म्यूचुअल फंड भी कुछ उतार-चढाव से गुजरेगा – अक्सर ऐसे कारकों के कारण जो फंड मैनेजर के नियंत्रण के बाहर होंगे। किसी निवेशक को तब लाभ होगा जब वह इन फंडों में समय की लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखेगा।

तो, जहां तक संभव हो, लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखें – विशेष रूप से इक्विटी और बैलेन्स्ड फंड में।

म्यूचुअल फंड की स्कीम में कौन कौन से रिस्क इन्वॉल्व होते हैं?

अपनी मेहनत की कमाई को सही म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले आपको अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए। जबकि निवेशक अक्सर स्कीम की केटेगरी और सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाली स्कीम में से चुनते हैं, वे इन स्कीमों के रिस्क इंडीकेटर्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब आप स्कीमों की तुलना कर रहे हैं, तो उनके जोख़िमों की तुलना करना ना भूलें।

हालांकि हर स्कीम की फैक्टशीट में स्टैंडर्ड डिविएशन, बीटा और शार्प रेश्यो जैसे कई रिस्क इंडिकेटर्स दिए जाते हैं, मगर देखा जाए तो प्रोडक्ट लेबल सबसे बेसिक चीज़ है। लेबल में दिया गया रिस्कोमीटर उस फंड के रिस्क के लेवल को दर्शाता है। यह रिस्कोमीटर SEBI की ओर से एक अनिवार्य आवश्यकता है और फंड से जुड़े अंतर्निहित/मुख्य जोखिम को दर्शाता है।

म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के क्या फायदे हैं?

हममे से कुछ लोग म्यूच्यूअल फण्ड के नाम से ही घबरा जाते है इन्वेस्टमेंट का तो सोचते तक नहीं है।एक निवेशक की हैसियत से, आप खुद अपनी पूँजी निवेश कर सकते हैं या किसी दूसरे व्यक्ति की मदद ले सकते हैं.

आप दूसरा विकल्प तब लेते हैं जब:

आप स्वयं इस कार्य को श्रेष्ठ रूप से करने में असमर्थ हैं-हममें से अधिकांश अपने इनकम टैक्स रिटर्न के लिए किसी साइबर की सेवाएं लेते हैं या अपने मकान के लिए हममें से अधिकाँश किसी आर्किटेक्ट/वास्तुविद की सेवाएं लेते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड सिर्फ ₹ 500 से शुरुआत कर सकते हैं!

आप हर माह केवल 500 से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं!

लोगों को लगता है कि अर्थपूर्ण लाभ के लिए, म्यूचुअल फंड में बड़ी राशि का निवेश जरूरी है। दरअसल आप ₹. 500 प्रति माह की छोटी सी राशि के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं और अपनी आय के बढ़ने के साथ-साथ अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

लोगों को लगता है कि अर्थपूर्ण लाभ के लिए, म्यूचुअल फंड में बड़ी राशि का निवेश जरूरी है। दरअसल आप ₹. 500 प्रति माह की छोटी सी राशि के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं और अपनी आय के बढ़ने के साथ-साथ अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

नीचे दी गयी तालिका को देख कर समझें कि किस तरह से आपका निवेश प्रतिफल की विभिन्न दरों के साथ बढ़ सकता है।

Investment

यह एक उदाहरण मात्र है। तालिका में दिखाए गए प्रतिफल शुद्ध रूप से काल्पनिक और उदाहरण के प्रयोजन के लिए ही हैं। म्यूचुअल फंड प्रतिफल की निश्चित दर का प्रस्ताव नहीं करते हैं।

म्यूचुअल फंड आम आदमी से लेकर बड़े आदमी (अमीर) तक प्रत्येक के लिए है। बडे़ लक्ष्यों के लिए छोटे बचत करने वाले की सहायता के लिए तीन मंत्र होते हैं।

a. जल्दी शुरुआत करें- छोटी सी ही राशि से

b. नियमित निवेश करें- राशि चाहे जितनी छोटी हो

c. लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखें- अपने निवेश को बढ़ने का अवसर देने के लिए

म्यूचुअल फंड, समय के साथ प्रत्येक निवेशक की अनुकूलता के लिए विकसित हुए हैं। भले ही निवेश राशि कम हो, नियमित निवेश और अनुशासित दृष्टिकोण समय के साथ बड़ी राशि बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं।

पैसे को तिजोरी में नहीं रखा जाता। निवेश किया जाता है!
म्यूचुअल फंड में, पैसा लॉक नहीं होता है। इसका निवेश होता है।

दो तथ्यों को नोट करना महत्वपूर्ण है:

a. किसी म्यूचुअल फंड योजना में धन निवेश होता है और ना कि लॉक, और यह हमेशा आपका बना रहता है। इसका बस एक पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधन किया जाता है।

b. आप हमेशा आसानी से अपना धन हासिल कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की संरचना यह सुनिश्चित करती है कि इसे हासिल करने में लचीलापन रहे। आप अपने निवेश को अंशतः या पूर्णतः रिडीम कर सकते हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड से प्रॉफिट कैसे मिलते हैं?

म्यूच्यूअल फंड धारण की एक निश्चित अवधि के दौरान NAV में आयी बढ़त को पूँजी वृद्धि कहेंगे| चूंकि किसी भी फंड का NAV पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक के मूल्यों से लिया जाता है, और ये मूल्य रोज़ घटते – बढ़ते हैं, NAV में एक अवधि में आये बदलाव जहां पूँजी वृद्धि को दर्शाते हैं, वहीं आपके होल्डिंग्स/ संपत्ति में आये घाटे को भी दर्शाते हैं| फण्ड हाउस से प्राप्त अकाउंट स्टेटमेंट / खाता विवरण से आपके प्रतिफल का प्रदर्शन आप जान सकते हैं| इस विवरण में किया गया लेन- देन और आपके निवेश पर मिला प्रतिफल दोनों दर्ज रहते हैं|

समय से पहले पैसे विड्रॉ करने पर क्या पेनल्टी लगेगी?
समय से पहले पैसे विड्रॉ करने पर क्या पेनल्टी लगेगी?

समय से पहले पैसा निकलने पर किसी तरह का पेनल्टी नहीं लगता है हलाकि आपको उस साल का मुनाफा हो सकता है न मिले।

उदाहरण के लिए, किसी योजना में 1 वर्ष से पहले मोचन पर 1% प्रतिशत का निकासी भार हो सकता है। इसका अर्थ है कि यदि किसी निवेशक ने 01 अप्रैल 2016 को निवेश किया है तो 31 मार्च 2017 को या उससे पहले रिडीम कराने पर NAV पर 1% का निकासी लोड देय होगा। यदि कोई निवेशक 01 फरवरी 2017 को ₹200 की एनएवी पर मोचन करता है तो ₹2 की कटौती होगी और ₹198 प्रति यूनिट का भुगतान निवेशक को किया जाएगा।

म्यूच्यूअल फण्ड कितने प्रकार के होते हैं।
म्यूच्यूअल फण्ड कितने प्रकार के होते हैं।

अलग लोगों की अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड मौजूद हैं। मोटे तौर पर ये तीन प्रकार के होते हैं।

इक्विटी या ग्रोथ फंड्स :-

ये अधिकांश रूप से इक्विटी अर्थात कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं
इनका मूल्य उद्देश्य संपदा निर्माण या पूंजी वृद्धिहोता है।
उनमें उच्च लाभ देने की अच्छी संभावनाएं होती हैं और दीर्घकालीन निवेश के लिए वे सर्वश्रेष्ठ हैं।

उदाहरण के लिए

लार्ज कैप ,मिड कैप ,स्मॉल कैप , मल्टी कैप ,सेक्टर, थेमेटिक

कर-बचत फंड :-

आय या बॉन्ड या नियत आय फंड

ये नियत आय प्रतिभूतियों जैसे सरकारी प्रतिभूतियां या बॉन्ड, कॉमर्शियल पेपर या डिबेंचर, डिपॉज़िट के बैंक सर्टीफिकेट और ट्रेजरी बिल, कॉमर्शियल पेपर जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।

हाइब्रिड फंड :-

ये इक्विटी और नियत आय दोनो में निवेश करते हैं, इस प्रकार से ये वृद्धि संभावनाओं के साथ-साथ आय निर्माण का सर्वश्रेष्ठ प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष :-

अब तक हमने यह जानने की कोशिश किया की म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है इसमें किस तरह इन्वेस्टमेंट कर सकते है। यदि आपको किसी तरह की और जानकारी चाहिए तो कमेंट जरूर करे।